Tinder अब वही करने जा रहा है जो लाखों यूज़र्स की बायो और पिक-अप लाइन नहीं कर पाईं, यानि रिश्तों में फिर से chemistry लाना। दुनिया का सबसे बड़ा dating app अब एक नए AI-driven dating tool पर काम कर रहा है, जिसका नाम Tinder Chemistry feature है। इसका मकसद है यूज़र्स की पर्सनालिटी और उनकी पसंद-नापसंद और आदतों को समझकर उनके लिए बिल्कुल perfect मैच वाला पार्टनर ढूंढना। लेकिन यहां माजरा ये है कि इसके लिए Tinder आपके कैमरा रोल तक झाँकेगा।

क्या है Tinder Chemistry फीचर?
कंपनी के मुताबिक, इस नए Tinder AI Chemistry feature के काम करने का तरीका ये है कि यह यूज़र्स से उनके बारे में इंटरैक्टिव सवाल पूछेगा और उनकी तस्वीरों को एनालाइज़ करेगा। इस Tinder AI photo analysis tool की मदद से ये ऐप आपकी आदतों और लाइफस्टाइल को समझने की कोशिश करेगी।
जैसे अगर आपकी फोटो में surfboard दिखे, तो ऐप आपको ऐसे लोगों से मिलाएगा जो बीच लाइफ या आउटडोर एक्टिविटी पसंद करते हैं। मतलब अब मैचिंग सिर्फ left-right swipe तक सीमित नहीं रहेगी।
Match Group CEO Spencer Rascoff के अनुसार, ये फीचर 2026 में Tinder experience का एक मज़बूत सहारा होगा। लेकिन सवाल ये भी है कि जब ऐप आपकी निजी तस्वीरों तक पहुंच पाएगा, तो Tinder में AI फीचरों के आने से क्या प्राइवेसी से जुड़ी चिंताएं भी क्या वाकई खत्म हो पाएंगी?

Privacy या Perfect Match – किसे चुनेंगे आप?
विशेषज्ञ कहते हैं कि कई बार “with consent” के नाम पर कई ऐप्स वो डाटा एक्सेस कर लेते हैं जिसकी सीमा यूज़र्स को खुद नहीं पता होती। आखिर आप अपनी निजी ज़िंदगी और उससे जुड़ी चीज़ों को किस हद तक किसी अल्गोरिथम को दिखाना चाहेंगे? यही बहस आज AI matchmaking vs human connection का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुकी है।
क्यों लगा Tinder को AI का सहारा?
पिछले दो सालों में Tinder के पेड सब्सक्राइबर्स लगातार घटे हैं। ऐसे में कंपनी ने AI द्वारा संचालित डेटिंग टूल्स लाने शुरू किए हैं, जैसे how Tinder AI matchmaking works फीचर जो परफेक्ट फोटो चुनने में भी मदद करता है, और एक digital conscience system ( जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सजगता दिखाता है), जो यूज़र्स को अपमानजनक या असभ्य मैसेज भेजने से रोकता है।

Match Group का मानना है कि यही Match Group AI dating technology आने वाले समय में यूज़र्स के लिए काफी उपयोगी और सही कनेक्शन बनाएगी। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अब असली सवाल ये है कि क्या AI के साथ ऑनलाइन डेटिंग का भविष्य सच में प्यार को आसान बनाएगा या या फिर ये रिश्तों को और ज़्यादा मशीनों के हिसाब से चलने वाला बना देगा?
फिलहाल, Tinder और AI की ये नयी प्रेम कहानी बस शुरू हुई है। अब देखना ये है कि क्या ये डिजिटल केमिस्ट्री सच में कोई चमक जगा पाएगी या फिर ये भी एक data-driven heartbreak बनकर रह जाएगी।
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