आजकल नया फोन लेना अब सिर्फ चाहत नहीं, एक ज़रूरत बन चुका है। 0% ब्याज, “No-Cost EMI” और “बस ₹2,999 महीने में” जैसे ऑफर देखकर कोई भी सोचता है कि “अरे EMI में ले लेते हैं, कुछ ही दिनों में फोन अपना हो जायेगा और पता भी नहीं चलेगा”।
लेकिन यही जगह है जहां कहानी पलट जाती है। EMI पर फोन खरीदना जितना आसान दिखता है, उतना आर्थिक या फाइनेंशियली सुरक्षित (financially safe) हमेशा नहीं होता। आइये जानते हैं कि EMI का खेल क्या है। पर फोन लेने से पहले आपको किन बातों पर विचार कर लेना चाहिए।

EMI Craze in India: भारत में अब हर चौथा फोन अब किस्तों में
भारत में अब हर चार में से एक स्मार्टफोन EMI पर खरीदा जा रहा है। Croma की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से अगस्त 2025 के बीच लगभग 25% स्मार्टफोन खरीदारों ने अपना फोन credit card EMI, NBFC loan या cashback schemes के ज़रिए खरीदा है। वहीं, प्रीमियम फोन जैसे iPhone के मामले में ये आंकड़ा 70% तक पहुंच चुका है।

दिलचस्प बात ये है कि ये चलन अब सिर्फ दिल्ली-मुंबई तक सीमित नहीं, बल्कि वाराणसी, गुवाहाटी, जबलपुर और पानीपत जैसे टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी तेजी से बढ़ा है।
विशेषज्ञ अमित सूरी कहते हैं कि “No-cost EMI ऐसा ही है जैसे sugar-free cake – चीनी नहीं दिखती, पर कैलोरी कहीं न कहीं छिपी होती हैं। EMI में भी interest यानि ब्याज गायब नहीं होता, बस अलग नाम से वसूला जाता है।”
Sebi में रजिस्टर्ड फाइनेंसियल प्लानर अभिषेक कुमार का भी कहना है कि, “प्रीमियम गैजेट्स के लिए, लिए गए ईएमआई लोन आपकी हर महीने की बचत को धीरे-धीरे घटा देते हैं, जिससे ना सिर्फ सेविंग्स पर बल्कि इमरजेंसी फंड पर भी सीधा असर पड़ता है।”
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आइये अब जानते हैं कि आपको EMI पर फोन लेने से पहले आपको किन बातों पर विचार कर लेना चाहिए।
EMI पर फोन लेने से पहले जानिए ये 5 ज़रूरी बातें
1. No-Cost EMI का सच
“नो-कॉस्ट EMI” सुनने में फ्री डील लगती है, लेकिन EMI लेते ही अक्सर वो इंस्टेंट डिस्काउंट या कैशबैक ऑफर गायब हो जाता है जो कॅश पेमेंट या सारी पेमेंट तभी कर देने पर मिल रहा था। इसके अलावा छिपी हुई processing fee या बढ़ी हुई MRP, जैसी जगहों पर ये ब्याज (interest) कहीं न कहीं वसूला ही जाता है। यही है no-cost EMI का असली सच।
2. छोटी EMI, बड़ा असर
हर महीने का ₹5,000 की EMI लगता है कि सँभल जाएगी, लेकिन यही EMI आपके Netflix, क्रेडिट कार्ड के बिल और पर्सनल लोन जैसे खर्चों के साथ जुड़कर आपकी महीने की सैलरी का बड़ा हिस्सा खा जाती है। ये आपकी financial flexibility और सेविंग्स दोनों घटा देती है। यही है असली जाल, जो हमें महंगा फोन EMI पर लेने से पहले नज़र नहीं आता।

3. फोन से स्टाइल दिखाना या लम्बे समय में मिलने वाला लाभ
वो ₹6,000 जो EMI में जा रहे हैं, अगर SIP में निवेश किए जाएं तो 15 साल में ₹3 लाख बन सकते हैं। सवाल ये है कि आपको क्या चाहिए – छोटे समय के लिए मज़ा व लम्बे समय में शान्ति?
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4. EMI तभी लें जब ज़रूरी हो
अगर गैजेट आपकी मासिक कमाई बढ़ाता है या आपके व्यवसाय के लिए ज़रूरी है, उदाहरण के लिए अगर आप फ्रीलांसर हैं और लैपटॉप चाहिए या कंटेंट क्रिएटर को कैमरा चाहिए, तो EMI पर लेना समझदारी है। लेकिन सिर्फ “status” दिखाने के लिए EMI लेना आपकी भविष्य की सेविंग्स पर वार है।
5. Fine Print ज़रूर पढ़ें
EMI लेने से पहले ये तीन बातें ज़रूर चेक करें:
- क्या processing fee या foreclosure charge लग रहा है?
- क्या cashback या discount EMI लेने से खत्म हो रहा है?
- क्या आप जो भी सामान EMI पर इस्तेमाल कर रहे हैं, उनकी किश्त आपकी मासिक आय के 30% से ज़्यादा है?
अगर तीनों में से दो का जवाब ‘हाँ’ है, तो ज़रा रुकिए।
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EMI पर फोन खरीदना सुविधा नहीं, ज़िम्मेदारी है। अगर ये खर्च आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ा रहा है तो ठीक, वरना ये आपकी जमा पूँजी धीरे-धीरे खा जाएगा। याद रखिए, हर EMI आपकी आर्थिक आज़ादी का थोड़ा हिस्सा ले जाती है।
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